प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यूट्यूबर एल्विश यादव को एक बार फिर पूछताछ के लिए बुलाया है। इस बार मामला उनके द्वारा आयोजित पार्टियों में कथित तौर पर नशे के लिए सांप के जहर के संदिग्ध इस्तेमाल से जुड़ा है। ईडी इस मामले की गहन जांच कर रही है, जिसमें धनशोधन और अन्य गंभीर आरोप शामिल हैं।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक बार फिर एल्विश यादव को तलब किया है। ईटाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, यूट्यूबर और बिग बॉस ओटीटी 2 के विजेता को एजेंसी के लखनऊ कार्यालय में पेश होने के लिए कहा गया है। कथित तौर पर, यह मनी लॉन्ड्रिंग मामले के संबंध में है और अधिक विवरण की प्रतीक्षा है।
अब एल्विश यादव 5 सितंबर को पूछताछ के लिए ईडी के सामने पेश होंगे। इससे पहले ईडी एल्विश के करीबी हरियाणा के मशहूर गायक राहुल यादव उर्फ फाजिलपुरिया समेत तीन लोगों से पूछताछ कर चुकी है।
नोएडा पुलिस ने यादव की गतिविधियों की जांच के बाद मार्च 2024 में उसे हिरासत में लिया था। उस पर ऐसी पार्टियाँ आयोजित करने का आरोप था जहाँ कथित तौर पर मनोरंजन के लिए साँप के जहर का इस्तेमाल किया जाता था। यह गिरफ़्तारी धन शोधन निवारण अधिनियम ( PMLA ), नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट (NDPS), वन्यजीव संरक्षण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (IPC) सहित एक बड़ी जाँच का हिस्सा थी। उसके खिलाफ़ न केवल नशीली दवाओं के उपयोग के लिए बल्कि संरक्षित प्रजातियों की तस्करी के लिए भी आरोप हैं, जो स्थिति की गंभीरता को बढ़ाता है।
नोएडा पुलिस की जाँच के परिणामस्वरूप अप्रैल 2024 में एक भारी चार्जशीट प्रस्तुत की गई, जो कुल 1,200 पृष्ठों से अधिक थी। इस दस्तावेज़ में यादव और मामले में अन्य लोगों द्वारा कथित रूप से किए गए कई अपराधों का वर्णन है। प्रवर्तन निदेशालय, जो वित्तीय अपराधों की जाँच का प्रभारी है, ने यह चार्जशीट प्राप्त की और PMLA के तहत मामला दर्ज किया। ऐसा प्रतीत होता है कि ED उन वित्तीय लेन-देन पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जिन्होंने इन कथित आपराधिक कृत्यों में सहायता की हो सकती है, जैसे कि इस तरह के अवैध आदान-प्रदान के परिणामस्वरूप धन शोधन।
ईडी ने जुलाई 2024 में यादव को बुलाया था, लेकिन उन्होंने निर्धारित विदेश यात्रा और पेशेवर जिम्मेदारियों का हवाला देते हुए इसे टालने का अनुरोध किया। हालांकि, उनके लौटने के बाद, ईडी ने अपने समन को नवीनीकृत किया है, जिसमें मांग की गई है कि वे पूछताछ के लिए उनके लखनऊ कार्यालय में उपस्थित हों। यह नया समन इस जांच को आगे बढ़ाने में ईडी की ईमानदारी को दर्शाता है, जिसमें फंडिंग के स्रोतों और वित्तीय ट्रेल्स को स्थापित करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है जो यादव को इन आपराधिक कार्यों से जोड़ सकते हैं।
सांप के जहर से जुड़े मामले में एफआईआर
यह मामला बीते वर्ष 8 नवंबर को तब सामने आया, जब रेव पार्टियों में सांप के जहर की आपूर्ति को लेकर एल्विश यादव और अन्य संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। इसके बाद से ही इस मामले ने तूल पकड़ लिया और ईडी ने मई 2024 में इसकी जांच शुरू कर दी। प्रारंभिक जांच में 23 जुलाई 2024 को ईडी ने एल्विश यादव से करीब सात घंटे तक पूछताछ की थी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक एल्विश यादव ईडी के सवालों का संतोषजनक जवाब देने से कतराते रहे।
ईडी की जांच का केंद्र
ईडी के अधिकारी इस जांच में कई महत्वपूर्ण सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश कर रहे हैं। सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि एल्विश यादव को सांप कहां से मिलते थे, और इस खतरनाक नेटवर्क में कौन-कौन लोग शामिल हैं। इसके अलावा, ईडी की टीम यादव के बैंक खातों, संपत्ति, आयकर रिटर्न, महंगी गाड़ियों और विदेश यात्राओं पर हुए खर्च की भी जांच कर रही है। इस सिलसिले में एल्विश यादव को सोमवार को फिर से ईडी कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा गया है।