पश्चिम बंगाल में विपक्षी दलों द्वारा बुलाए गए बंद के दौरान सोमवार को हुगली जिले में भारी तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई। प्रदर्शनकारियों ने राज्य सरकार की नीतियों के विरोध में रेल पटरियों पर कब्जा कर लिया, जिससे रेल सेवा बुरी तरह प्रभावित हुई। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा, जिसके तहत लाठीचार्ज किया गया।
घटना का विवरण
बंद का आयोजन राज्य सरकार की नीतियों और प्रशासनिक विफलताओं के विरोध में किया गया था। हुगली में प्रदर्शनकारियों ने सुबह से ही रेलवे पटरियों पर प्रदर्शन शुरू कर दिया, जिससे कई ट्रेनों को रोका गया और यातायात बाधित हुआ। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सरकार विरोधी नारे लगाए और पटरियों पर बैठकर विरोध जताया।
रेलवे अधिकारियों की शिकायत के बाद पुलिस ने हस्तक्षेप किया। प्रदर्शनकारियों को पटरियों से हटाने के लिए पुलिस ने पहले उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन जब वे नहीं माने, तो पुलिस को लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा। इस लाठीचार्ज में कई प्रदर्शनकारियों को चोटें आईं।
रेल यातायात पर असर
बंद के दौरान हुगली जिले में प्रदर्शनकारियों ने अचानक रेल पटरियों पर कब्जा कर लिया। यह घटना उस समय हुई जब कई यात्री ट्रेनों में सफर कर रहे थे। पटरियों पर प्रदर्शनकारियों के बैठने से कई ट्रेनों को बीच रास्ते में ही रोकना पड़ा। कुछ ट्रेनों को अन्य स्टेशनों पर डायवर्ट किया गया, जबकि कुछ को पूरी तरह से रद्द करना पड़ा। इससे यात्रियों को काफी असुविधा हुई, और रेलवे स्टेशनों पर अफरा-तफरी मच गई।
रेलवे अधिकारियों ने पुलिस से मदद की गुहार लगाई, जिसके बाद पुलिस बल मौके पर पहुंचा। पुलिस ने पहले प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की, लेकिन जब उन्होंने चेतावनियों को नजरअंदाज कर दिया, तो पुलिस ने मजबूरन लाठीचार्ज का सहारा लिया।
पुलिस की कार्रवाई और लाठीचार्ज
प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। लाठीचार्ज के दौरान कई प्रदर्शनकारियों को चोटें आईं। कुछ लोगों को गंभीर चोटों के साथ अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। पुलिस का कहना है कि उन्होंने यह कदम प्रदर्शनकारियों द्वारा पटरियों पर कब्जा करने और सरकारी चेतावनियों की अनदेखी के बाद उठाया। पुलिस के मुताबिक, यह कार्रवाई राज्य की सुरक्षा और जनजीवन को सामान्य बनाने के लिए आवश्यक थी।
प्रतिक्रिया और निंदा
पुलिस की इस कार्रवाई पर विपक्षी दलों ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। विपक्षी नेताओं ने पुलिस के लाठीचार्ज को ‘अत्यधिक बल प्रयोग’ करार दिया और इसे लोकतांत्रिक अधिकारों का उल्लंघन बताया। उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि वह जनभावनाओं को दबाने के लिए बल प्रयोग कर रही है।