कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी पर क्यों उठी बैन करने की मांग?

कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी पर क्यों उठी बैन करने की मांग

कंगना रनौत की फिल्म “इमरजेंसी” ने रिलीज से पहले ही विवादों का सामना करना शुरू कर दिया है। इस फिल्म पर बैन लगाने की मांग कई सिख संगठनों और राजनीतिक दलों द्वारा की जा रही है। पंजाब, तेलंगाना, नई दिल्ली और उत्तर प्रदेश सहित भारत भर के कई सिख संगठनों ने कंगना रनौत अभिनीत आगामी बॉलीवुड फिल्म ‘इमरजेंसी’ पर बैन लगाने की मांग की है। संगठन का आरोप है कि ट्रेलर सिख समुदाय को गलत तरीके से पेश करता है और उसे डर है कि फिल्म नफरत भड़का सकती है।

मुख्य आपत्ति उस सीन पर है, जिसमें दिवंगत खालिस्तानी अलगाववादी जरनैल सिंह भिंडरावाले को अलग मातृभूमि की वकालत करते हुए दिखाया गया है। ट्रेलर में एक डायलॉग शामिल है, “आपकी पार्टी को वोट चाहिए और हमें खालिस्तान चाहिए,” जिसने कुछ सिख समूहों को विशेष रूप से नाराज कर दिया है, जो दावा करते हैं कि भिंडरावाले ने कभी ऐसी मांग नहीं की।

यह फिल्म एक जीवनी पर आधारित राजनीतिक थ्रिलर है, जो पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जीवन पर आधारित है, जिन्होंने 1975 से 1977 तक 21 महीने की इमरजेंसी लगाई थी। अभिनेत्री कंगना रनौत इसमें पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भूमिका निभा रही हैं, 6 सितंबर, 2024 को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है।

सिख समुदाय की आपत्ति

फिल्म “इमरजेंसी” पर सबसे बड़ी आपत्ति सिख समुदाय की ओर से आई है। सिख संगठनों का आरोप है कि फिल्म में सिख समुदाय को ऐतिहासिक रूप से गलत तरीके से दिखाया गया है, जिससे उनकी छवि को नुकसान पहुंचता है12। तेलंगाना और पंजाब में सिख संगठनों ने फिल्म के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए हैं और इसे बैन करने की मांग की है।

तेलंगाना सरकार “इमरजेंसी” पर बैन लगाने की कर रही प्‍लानिंग

तेलंगाना जहां पर कांग्रेस की सरकार हैं वहां पर सूत्रों के अनुसार सरकार कंगना रनौत की फिल्‍म इमरजेंसी पर प्रतिबंध करने की प्‍लानिंग कर रही है।

शिरोमणि अकाली दल की भूमिका

शिरोमणि अकाली दल (SAD) की दिल्ली इकाई ने भी फिल्म के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) से अपील की है कि फिल्म की रिलीज पर रोक लगाई जाए क्योंकि यह सांप्रदायिक तनाव भड़का सकती है3। SAD का कहना है कि कंगना रनौत सिख विरोधी रेटोरिक के लिए कुख्यात हैं और उन्होंने सिख समुदाय को निशाना बनाने के लिए इस फिल्म का विषय चुना है।

सेंसर बोर्ड की प्रतिक्रिया

बढ़ते विवाद के चलते CBFC ने अभी तक फिल्म को सेंसर सर्टिफिकेट नहीं दिया है। सिख संगठनों ने CBFC से फिल्म के विवादित सीन्स को हटाने की मांग की है और फिल्म के मेकर्स से माफी मांगने को कहा है।

कंगना रनौत का पक्ष

कंगना रनौत ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि उनकी फिल्म सच्चाई पर आधारित है और इसमें किसी भी समुदाय को गलत तरीके से नहीं दिखाया गया है1। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी फिल्म की तुलना ऑस्कर विनिंग हॉलीवुड फिल्म “ओपेनहाइमर” से की जा सकती है।

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